Dec 31, 2023

जन्मदिन और नए वर्ष की तुमको "प्रिय" दिल से है बधाई

चंदन बनकर तुमने मेरे उपवन को महकाया है
मेरे मन के मंदिर में तुमने प्रेम का दीप जलाया है

तुम मेरे जीवन की ज्योति साहस भरी उड़ान हो
हर कदम पर हिम्मत देती शक्ति की पहचान हो

प्रेरणा मेरे जीवन की तुम तो मेरी आश हो
हर मुश्किल में संग खड़ी तुम मेरी विश्वास हो

तुमको पाकर धन्य हुआ मैं यह तकदीर हमारा है
सदा सुहागन रहो तुम यह आशीष हमारा है

दिल के कण-कण से सुनो यही आवाज है आई
जन्मदिन और नए वर्ष की तुमको "प्रिय" दिल से है बधाई*

Dec 6, 2022

एक बार हनुमान गढ़ी आके तो देखो

दुख दूर हो जाएंगे सभी 
एक बार हनुमान गढ़ी आके तो देखो

सवर जायेगी सातों जन्म 
एक बार अयोध्या आके तो देखो

पूरे हो जाएंगे आपके सारे अधूरे काम 
एक बार राम दरबार को दिल में बसा कर तो देखो

तुम्हें हर जीव से प्यार होने लगेगा,
एक बार रघुवर के शरण  में आके तो देखो

तर जाएंगे सातों पुस्ते आपकी
सरजू नदी में डुबकी लगा कर तो देखो 

मिलेगी मन को शांति आपके 
सरजू की तट पर शामें बिताकर तो देखो

दुख दूर हो जाएंगे सभी 
एक बार हनुमान गढ़ी आके तो देखो

Nov 19, 2022

मैं पुरुष हूं

बाहर से बड़ा ही अपरिमित कठोर नजर आता हूं,
अंदर मां जैसी भावनाओं का दरिया रखता हूं!

नीव की ईट की तरह अपना अस्तित्व छुपा लेता हूं,
उस पर सुंदर मजबूत इमारत तैयार करता हूं!

पिता,भाई और हमसफर बनके कई किरदार निभाता हूं,
उन्हें आशीर्वाद, स्नेह व विश्वास के धागे में पिरोता हूं!

गुरु व दोस्त बनकर भी अपने दायित्व बख़ूबी निभाता हूं,
भावी जीवन के लिए तैयारकर, आशाओं के पंख़ लगाता हूं!

परिवार की खुशियों की खातिर खुद को ही भूल जाता हूं,
उनके उल्लास में इंद्रधनुष के रंगों से रंग भर देता हूं!

सभी की ख्वाहिशें पूरा करने को दिन-रात भटकता हूं,
दो वक्त की रोटी कमाने को,अपनों से ही दूर चला जाता हूं!

आजीवन अपार परेशानियों से जूझता रहता हूं,
मगर बगिया के फूलों को मुस्कुराहट से सीखता हूं!

हमें तो रोने का भी हक नहीं, पत्थर दिल कहलाता हूं,
मौन रहकर आंखों के सैलाब को कैद करना जानता हूं!

कुटुंब को प्रचुर प्यार के समुद्र से भर देता हूं,
कभी-कभी मैं भी प्यार की मरहम के लिए तरसता हूं!

हां मर्द हूं,मैं भी जीवन के उतार-चढ़ाव में थक सा जाता हूं,
मुझे भी कोई समझे ऐसे साथी का साथ चाहता हूं!!

Nov 16, 2022

बिना पैसे नहीं मिलता यहाँ कुछ भी ज़माने में

कड़ी मेहनत बड़ी मुद्दत लगे पैसा कमाने में।
नहीं लगता ज़रा सा वक़्त पैसे को गँवाने में।

बड़ा आसान है कहना कि पैसा ही नहीं सब कुछ,
बिना पैसे नहीं मिलता यहाँ कुछ भी ज़माने में।

मिटाता भूख ये पैसा ढके तन को यही पैसा,
ज़रूरत है इसी पैसे की सर पर छत बनाने में।

पढाई हो दवाई हो भलाई हो बुराई हो,
ज़रूरी है बहुत पैसा यहाँ जीवन चलाने में।

खिलौना बन हँसाता है तो ज़ेवर बन लुभाता है,
बड़ी महिमा है पैसे की दिल से दिल मिलाने में।

यही महफ़िल जमाता है यही दावत सजाता है,
बिना इसके बड़ी मुश्किल खिलाने में पिलाने में।

है पैसे की ज़रूरत क्यों ज़रा पूछो किसानों से,
बिताई ज़िन्दगी पूरी ज़मीं गिरवी छुड़ाने में।

बड़ी ताकत है पैसे में सभी पर ये पड़े भारी,
अदालत में चले पैसा यही चलता है थाने में।

अमीरी के सभी साथी गरीबी बस अकेली है,
भरी जेबें ज़रूरी है सभी रिश्ते निभाने में।

खुदा से मैं दुआ करता सभी इंसां बनें क़ाबिल,
बड़ी शर्मिंदगी होती भिखारी बन के खाने में।

तुम्हारे पास पैसा है गरीबों की मदद करना,
दुआ दिल से निकल करती बड़ी बरकत ख़ज़ाने में।

Nov 8, 2022

मोहबत में ख़ुद को ना जला लेना

तुम मेरी मोहबत में ख़ुद को ना जला लेना
जब मेरी याद आए तो इंस्टाग्राम पर बतिया लेना

ऑनलाइन में आऊंगा ये मेरा वादा हैं
जब ऑफलाइन दिखू एक कॉल लगा लेना

मिलने को में आऊंगा ये मेरा वादा हैं
बस अपनी गली में मुझको सीने से लगा लेना 

मेरे दिल में तमन्ना हैं तुम्हे अपना बनाने की
अगर बंद हो दरवाज़े खिड़की से बुला लेना

देखने को जब तरसे तुम्हारी आंखे 
व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल लगा लेना


May 31, 2022

महंगाई से जनता है परेशान

कमरतोड़ महंगाई से जनता है परेशान 
आदमी पर पड़ रही हैं महंगाई की मार, 
सिलेंडर सस्ता कर दो 
दारू चाहे महंगा कर दो

सी. एन. जी. और डीजल ने 
पहले ही मसला बिगाड़ा 
अब सरसों का तेेल भी हुआ 200 के पार, 
कुछ तो करो विचार जनता है परेशान

कैसे मैनेज करें घर गृहस्ती
साग सब्जी के भाव बढ गए, 
आटा नमक और दाल के दाम चढ़ गए 
कुछ तो करो विचार जनता है परेशान

महिलाओं के सोलह सिंगार हो गए महंगे
लाली लिपस्टिक और फेशियल सस्ता कर दो 
नहीं तो चली जाएगी सरकार महिलाएं है परेशान 

सिलेंडर सस्ता कर दो दारू चाहे महंगा कर दो
कुछ तो करो विचार कमरतोड़ महंगाई से जनता है परेशान

May 10, 2022

भूल गई

ऐसा रोग लगा दिल का दिल्लगी भूल गई 
काजल मेहंदी कंगन बिंदिया से संवरना भूल गई !

मुझसे आँखें टकराईं जब से खुद पे मरना भूल गई 
हमारे दिल की दिल्लगी में, सोना खाना पीना भूल गई !!










May 6, 2022

सात फेरों के सातों वचन

प्रथम वचन मैं माँगा मुझसे, जब तीरथ को जाओगे।
धर्म-कर्म का काज हो कोई, मेरा साथ निभाओगे।


दूजा वचन मैं माँगा  मुझसे, सास-ससुर को मानोगे। 
मेहमानों की मर्यादा कर, ईश्वर में खो जाओगे ।


तीजा वचन मैं माँगा मुझसे, हर घड़ी साथ निभाओगे। 
युवा पौढ़ या जीर्ण शरीर हो, मुझे छोड़ नहीं जाओगे। 


चौथा वचन मैं माँगा मुझसे धन अर्जित कर लाओगे।
पारिवारिक दायित्व निभा, सपनों का महल सजाओगे।


पंचम वचन मैं माँगा मुझसे, राय हमारी मानोगे ।
लेने-देना और मंगल कार्य में, मुझको न ठुकराओगे। 


छठा वचन मैं माँगा मुझसे, मेरा मान बढाओगे।
दुर्व्यसन से दूर रहोगे, हर घड़ी साथ निभाओगे। 


सप्तम बचन मैं माँगा मुझसे, पर नारी नहीं लाओगे। 
तेरे मेरे प्रेम आगन में, सौतन तुम ना लाओगे। 


शादी की आठवीं सालगिरह की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! 

May 5, 2022

हया की क्या जरूरत है

तरस खाओ जवानी पर मेरे दिल से दोस्ती करलो 
सजा क्यू दिल को देती हो सजा की क्या जरूरत है

हटा लो जुल्फ चेहरे से हया की क्या जरूरत है
चमकते चाँद से चेहरे को काली घटा की क्या जरूरत है

तुम अपनी सुर्ख लबों से हथेली चूमलो अपनी 
लबों का सुर्ख बन जाए फिर हीना की क्या जरूरत है

अगर ये खूबसूरत हाथ मेरे गले का हार बन जाए
मरीजे इश्क को किसी और दवा की क्या जरूरत है

नशीली आंखों से मोहब्बत का जाम अगर पिला दो
मरीजे इश्क को फिर मधुशाला की क्या जरूरत है

हो जाये अगर मेहरबानी आपकी रेश्मी जुल्फो का
मरीजे इश्क को किसी मौसम की क्या जरूरत है





 

Apr 2, 2022

याद आता है

आप के चाहत का वो सुहाना मौसम याद आता है,
आप का मुस्कुरा कर के वो नजरें झुकाना याद आता है,

जो सावन की काली घटा सी छाई रहती थी,
उन जूलफों का चेहरे से हटना याद आता है,

आप को छेड़ने की खातिर जो अक्सर गुनगुनाता था,
वो नगमा आशिकाना आज भी याद आता है,

आप का लड़ना झगड़ना और मुझसे रूठ कर जाना,
वो आप का  रूठ कर खुद मान जाना याद आता है,

वो हर रोज गुजरकर आप की गली से जाना याद आता है,
खुदा ना खास्ता वो आप का  मिल जाना याद आता है।

यूँ ही गुजर गया वो जमाना आप के  इन्तजार का,
आज भी मुझे वो गुजरा जमाना याद आता है।

आप भी मुस्कुराती हो बेवजह अक्सर आईने में,
सुना है आप को भी अपना ये दीवाना बहुत याद आता है।

Nov 28, 2021

कुछ फर्ज निभाना बाकी है

आहिस्ता  चल  जिंदगी,अभी 
कई  कर्ज  चुकाना  बाकी  है 
कुछ  दर्द  मिटाना   बाकी  है 
कुछ   फर्ज निभाना  बाकी है 

                   रफ़्तार  में तेरे  चलने से 
                   कुछ रूठ गए कुछ छूट गए 
                   रूठों को मनाना बाकी है 
                   रोतों को हँसाना बाकी है 

कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए 
कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए 
उन टूटे -छूटे रिश्तों के 
जख्मों को मिटाना बाकी है 

                    कुछ हसरतें अभी  अधूरी हैं 
                    कुछ काम भी और जरूरी हैं 
                    जीवन की उलझ  पहेली को 
                    पूरा  सुलझाना  बाकी     है 

जब साँसों को थम जाना है 
फिर क्या खोना ,क्या पाना है 
पर मन के जिद्दी बच्चे को 
यह   बात   बताना  बाकी  है 

                     आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी 
                     कई कर्ज चुका ना बाकी    है 
                     कुछ दर्द मिटाना   बाकी   है   
                        कुछ  फर्ज निभाना बाकी है ।

Dec 17, 2020

ज़िंदगी ये अब तो तेरे नाम है प्रिये

ज़िंदगी ये अब तो तेरे नाम है प्रिये,

लोग कहते है की मैं हु खुश नसीब,
नेेेह प्रेमी हु मैं निधी मेरे करीब,

दिल जो तुमको दिया तो गलत क्या किया,
ज़िंदगी ये अब तो तेरे नाम है प्रिये,

प्रेम में हार का भी अलग है मजा,
कोई समजे ख़ुशी कोई समजे सजा,

खता हुई जो तुमको चाहा, खता करूँ सौ बार प्रिये,
मैं पतझड़ हूँ बेमौसम, तुम हो बंसन्त बहार प्रिये,

तुम्हीं सुबह हो शाम तुम्हीं, तुम ही हो दिन-रात प्रिये,
सांसों के संग आती जाती, तुम हो जीवन सार प्रिये,

चैन भी खो दियाँ तो गलत क्या किया,
ज़िंदगी ये अब तो तेरे नाम है प्रिये,

तेरे साथ ही सुबह है प्रिये,
तुझसे ही मेरी शाम है प्रिये,

पार हो जाये यह भवसागर,
तेरे साथ ही वैकुण्ठ धाम है प्रिये,

Sep 9, 2020

खुद को इतना भी मत बचाया कर

खुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशें हो तो भीग जाया कर।

चाँद लाकर कोई नहीं देगा,
अपने चेहरे से जगमगाया कर।

दर्द हीरा है, दर्द मोती है,
दर्द आँखो से मत बहाया कर।
काम ले कुछ हसीन होंठो से,
बातों-बातों में मुस्कुराया कर।

धूप मायूस लौट जाती है,
छत पे किसी बहाने आया कर।

कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम से कम हाथ तो मिलाया कर।

जिंदगी को कैसे जिया जाता है

तू जिंदगी को जी
उसे समझने की कोशिश न कर

सुन्दर सपनों के ताने बाने बुन
उसमें उलझने की कोशिश न कर

चलते वक्त के साथ तू भी चल
उसमे सिमटने की कोशिश न कर

अपने हाथो को फैला खुल कर सांस ले
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर

मन में चल रहे युद्ध को विराम दे
खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर

कुछ बाते भगवान पर छोड़ दे
सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर

जो मिल गया उसी में खुश रह
जो सुकुन छीन ले वो पाने की कोशिश न कर

रास्ते की सुंदरता का लुत्फ उठा
मंजिल पर जल्दी पहुंचने की कोशिश न कर

गुनाह है

ख्वाबों का रंगीन होना गुनाह है..
इंसान का जहीन होना गुनाह है..

कायरता समझते है लोग मधुरता को..
जुबान का शालीन होना गुनाह है..

खुद ही लग जाती है नजर..
हसरतों का हसीन होना गुनाह है..

लोग इस्तेमाल करते हैं नमक की तरह..
आंसुओं का नमकीन होना गुनाह है..

दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैकड़ों से..
इंसान का बेहतरीन होना गुनाह है..

Mar 29, 2020

जीवन छूट जाता है

ये भागम भाग के चक्कर में जीवन छूट जाता है 
देखता हूँ अगर कोई ख्वाब तो वो भी टूट जाता है

खूदा की कसम तेरी यारी मेरे जिने का साधन है 
अगर आप रूठ जाते हो मेरा रब रूठ जाता है


Mar 22, 2020

चाइना का माल खूब चला नाम है कोरोना

चाइना का माल खूब चला नाम है कोरोना
बस इसे देख चाइना को ही नही पुुुुरे देश को आया रोना

इस महामारी का देखिये गजब का खेल।
परीक्षा में बच्चे नहीं परीक्षा ही हो रहा फ़ैल

हाथ मिलाना गले लगाना चुम्मा चाटी सब छोड़ो, दूर से करो राम राम
वरना चाईना का माल कर देगा तुम्हारा राम नाम

ढूंढ रहे कोरोना को ठिकाने लगाने का समाधान
कोरोना को छू भी ना पर रहा विश्व का विज्ञान

साबुन से हाँथ धोएं बिना किसी को भी छूवो ना
बिना मास्क के आप ईधर ऊधर घूमो ना

 





Mar 9, 2020

हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है

मन से मन मिल जाये , तन से तन मिल जाये
चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है 

फागुन का मौसम आज रंगों की छायी खुमारी है
चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है

ले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज
चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है

ना शिकवा अब रहे कोई , ना ही दुश्मनी किसी से 
आओ ऐसे  मिलकर खेलें होली, सब एक दूजे के संग

रंगों का त्योहार है होली, खुशियों की बौछार है होली
हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है 

होली पर अब ऐसा हाल, हर चेहरे पर आज गुलाल
हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है 

आओ ऐसे  मिलकर खेलें होली, सब एक दूजे के संग
हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है 

Aug 10, 2019

जब अपने हो गये पराये

मैं जिनके वास्ते जलता रहा दिए की तरह!
उन्ही लोगों ने आज मुह मोड लिया गेरौ की तरह
मैंने भी आज सभी को छोड़ दिया
जिन्होने समझ लिया था मुझें मुर्दे की तरह!!

Feb 6, 2017

आ गया है नन्हा सा  फरिश्ता  

आकाश के तारों को देखकर जागती थी तमन्ना
कोई एक तारा मेरे आँगन में भी उतरे
उतर आया है पूरा चाँद मेरे आँगन की बगीया  में
और रोशन हो गया है घर का हर कौना  उसकी चेहरे की चाँदनी से  
चमक गया है हर पल जैसे मेरे धूमिल पड़े जीवन का
मिल गया है मकसद  जैसे मुझे अपनी ज़िंदगी का .
आ गया है नन्हा सा  फरिश्ता  जीसे
देख कर जी नहीं भरता चाहे देखूँ हज़ारों बार

May 6, 2016

जब से हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम

चूम ले रही हैं हर खुशी हमारे कदम !
जब से हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!
आपके नूर से ही है रोशन समां !
लेके खुशबू तुम्हारी महकती फिजां !!
हो दुआ पाक दिल की खुदा की कसम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!
आपसे ही चमन अपना गुलजार है !
आपके अक्स में रब का दीदार है !!
आज तक जिंदगी में जो गुजरे हैं दिन !
दूने उसके मिले आज का ये सुदिन !
ख्वाब में भी न आए कभी कोई गम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!
चूम ले रही हैं हर खुशी हमारे कदम !
जब से हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!

Mar 5, 2016

मुझ से नैना मिला के

दीवाना कर डाला तुमने मुझ को नैना मिला के
दिल का चैन तुम ने छीना मुझसे नैना मिला के

तिरछी नजर से तुम ने मारा है जो निशाना
अपनी आदा से किया तुमने मुझको दीवाना

डॉका तुमने दिल पे डाला मुझ से नैना मिला के
दीवाना कर डाला तुमने मुझ को नैना मिला के
लचकती है कमर जैसे बांस की हाे डाली
कान में बाली आैर  होंठों पर रखती हो लाली

हाय जीते जी मार डाली निधी तेरी ये जवानी
अपना बना डाली निकी तेरी ये जवानी

दीवाना कर डाला तुमने मुझ को नैना मिला के
दिल का चैन तुम ने छीना मुझ से नैना मिला के

Oct 27, 2012

तेरी मुहब्बत में

हम तेरी मुहब्बत में दिल की दुनिया लुटा बैठे |
तुम मानो  या ना मानो सनम तुम को अपना बना बैठे ||

अपने मन के मंदिर में तेरा घर बना  बैठे  |
तुम मानो  या ना मनो सनम तुम को इस घर में बसा बैठे ||

आँखों में तेरी सूरत बसा बैठे , रोग ये दिल का लगा बैठे  |
तुम मानो  या न मानो सनम तुम को अपना बना बैठे ||

जी ना पाउँगा तुम से अलग हो के येसा रोग लगा  बैठे |
दुनिया छुट जाये  साथ ना छूटेगा ये इरादा बना बैठे ||

हम तेरी
मुहब्बत में दिल की दुनिया लुटा बैठे |
तुम मानो  या ना मानो सनम तुम को अपना बना बैठे ||

हम तेरी
मुहब्बत में दिल की दुनिया लुटा बैठे |
हम  तुम  से  दिल  लगा  बैठे, चैन सकून गवा  बैठे ||

कभी  दुनिया  से  डरते  थे  छुप  छुप  के  मिलते थे |
ये  पर्दा  भी  हम हटा  बैठे  तुम्हे  अपना  बना  बैठे ||

हम तेरी
मुहब्बत में दिल की दुनिया लुटा बैठे |
तुम मानो  या ना मानो सनम तुम को अपना बना बैठे ||




May 22, 2012

क्रांतिवीर क्यों पथ में सोया ?

जीवन की बगिया में किसने कौन - कौन सा बिज बोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।

सत्य के रस्ते बदल रहे हैं, आज झूठ का सहारा लेकर
मूल्यों की रक्षा हो रही हैं, अनचाहे मूल्यों को देकर
परिवर्तन का बिगुल बजा कर क्रांतिवीर क्यों पथ में सोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।

सब के सर पर टोपी अना  की, सब की ऊँगली एक दुसरे पर थी |
किसने कितने करोड़ कमाये , इसकी चर्चा ज़ोरों पर थी |
पछतावे के गंगा जल से, कितनो ने अन्तरघट को थोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।


गाँधी जी का काम कर रहे हैं अना जी, 
सुबाश चन्द्र जी का कौन करेगा ? 
ये तो केवल राम जी ही जाने |


गोरे अग्रेजो से तो हम आजाद हो गये
 कालो से कब होंगे ?
ये तो केवल राम जी ही जाने  |  

नकली फूलो में सुगंध हैं, रंग हैं, पर मकरंद नहीं हैं
संयम शुचित हीन  व्यक्ति को जीवन का आनन्द नहीं हैं
छलनाओ की मकड़ जाल में कितनो ने नैतिक बल खोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।



गणनाओं में मगन बटोही, फिसलन की भी नहीं फिकर हैं
महापतन से वही बचेगा,  जिसको बस ईश्वर का डर हैं 
मंदिर से नैवैघ चुराकर, कौन पुजारी कितना रोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।




Jul 26, 2011

हर पल तुम्हे याद किया करते है


चुपके  चुपके  फ़रियाद  किया  करते  है 

हर पल तुम्हे  याद  किया  करते  है 


ये  हम  नहीं  कहते   ऑफिस वाले  कहा करते    है 


हम  प्रोग्राम की कोडिंग  में  भी  आपका  नाम  टाइप कर दिया करते हैं  !!


अपनी  आज  की मुलाकात  कुछ  अधूरी  सी   लगी ,


पास -हो -के -भी  थोड़ी  दुरी  सी   लगी ,


होठो -पे -हसी  आँखों  में  मज़बूरी  सी  -लगी !!


प्यार  में  मौत  से  डरता  कौन  है


प्यार  हो  जाता  है  करता  कौन  है


आप  जैसे  यार  पर  दुनिया  कुर्बान


और  आप  पूछते  हो  की  हम  पर  मरता  कौन  है  !!


बात  ऐसी  हो  की  जज्बात  कम  ना  हो


ख्यालात  ऐसे  हो  की  कभी   गम  ना  हो 


दिल  के  कोने  में  इतनी  सी  जगह  रखना 


की  ख़ाली  ख़ाली  सा  लगे  जब  हम   नहो  !!


गम  वो  जो  आंसू  ला  दे ,


ख़ुशी  वो  जो   गम  भुला  दे ,


हमें  तो  चाहिए  आपकी  इतनी  सी  मोहब्बत ,


जो  आपके  याद  करने  पर  हमें  एक  हिचकी  सी   हिला  दे  !!

ये आपसे मिलने का इंतजार
  बड़ा  सिला  देगा 

गुलाब  की  तरह  आपके  चेहरे  को  खिला  देगा 


ना  छोड़ना  कभी  मोहबत  की  इबादत  को 


मोहब्बत  खुद  तुम्हे  मोहब्बत  से  मिला  देगा  !!


 









Feb 10, 2011

तुम से मोहब्बत है

तेरी  चाहत  तेरी  जुस्तुजू  इस  दिल  में  है

मेरी  जान  मुझे  तुम  से  मोहब्बत  है


तेरा  वो  मुस्कुराना , शरमाके  पलकें  झुकाना

दबे  होंटों  से  फूलों  की  वो  सौगात  याद  है


फिर  लगी  किसकी  नज़र  तुम  हुये  दूर  मुझ  से

तेरी  आँखों  में  अश्क  बहते  जाना  याद  है


मेरी  कोई  खता  न  थी , न  तेरी  कोई  खता  थी

वो   बिछड़ता हुवा  लम्हा  वो  सिसकियाँ  याद  है


तू  लौट  आएगी  एक  दिन  मुझे  है  इतना  यकीन

आज  भी  इन  आँखों  में  तेरा  इंतज़ार  है 

Dec 27, 2010

महंगाई की मार

 
 
आदमी पर पड़ रही हैं महंगाई की मार,

आदमी को खा रही हैं , भ्रष्ट सरकार !


देश जाये भाड़ में कुएं में लोग बाग

नेताओ को चढ़ रहा हैं , कुर्सी का बुखार !


घोटाला नेताओ के लिए खेल  हो गया.

कानून बेवस्था भी इनके आगे फेल हो गया ?


हत्या बिन छपते नहीं  राजधानी  में अख़बार

गोली -बारी बच्चो का सा खेल हो गया ?


चोराहो पर रोज आते -जाते सब लोग

बिना बात रोज भुन- भुनाते सब लोग


मर  जाता कोई अभागा भीड़ में

अपनी -अपनी रह सब बढ़ जाते लोग


 कामनाए बढ़ रही हैं, बढ़ रही है भीड़

वासनाये बढ़ रही हैं , बढ़ रही हैं भीड़


कल के बगीचे श्मसान हो गए

ऊँचे घर वैश्या  की दुकान हो गये


भूले अपनी भाषा, तहजीब, और लिवाश,

लोग अंपने देश में अनजान हो गये .


गाँधी जी , सुभाष सदा रहते थे यहाँ ,

मीरा, दयान्द विष पीते थे यहाँ


कल बच्चे कैसे विशवास करेंगे

बुद्ध और विवेकानंद  कभी जीते थे यहाँ

 












Oct 11, 2010

रोते क्यू हो


अपने   घूंघट   से  यूँ  चेहरे  को  छुपाते   क्यों हो ,

मुझ  से  शरमाते  हो  तो  सामने  आते 
क्यों हो ...


तुम  कभी  मेरे  तरह  कर  भी  लो  इकरार -ऐ- मोहबत ,

प्यार  करते  हो  तो  फिर  प्यार  छुपाते  
क्यों  हो ...



अश्क  आँखों  में  मेरे  देख  के   रोते 
क्यों हो ,

दिल  भर  आता  है  तो  फिर  दिल  को  दुखते 
क्यों हो ...


रोज़  मर  मर  के   मुझे  जीने  को  कहते 
क्यों हो ,

मिलने  आते  हो  तो  फिर  लौट  के  जाते  क्यू  हो ...



अपने   घूंघट   से  यूँ  चेहरे  को  छुपाते  क्यू  हो ,

मुझ  से  शरमाते  हो  तो  सामने  आते  क्यू  हो ...


*****************************************
विजय प्रताप सिंह राजपूत

Jul 23, 2010

आपसा यहाँ कोई नहीं

शान -ऐ-महफ़िल  हो    आप

आपसा  यहाँ  कोई  नहीं

जानते  नहीं  आप  सबको  मगर

आपसे  अनजान  यहाँ  कोई  नहीं


हर  नज़र  एक  दुसरे  से  ये  पूछती  है

इतनी  खूबसूरती  क्या  तुमने  कही  देखि  है

छाया  है  नशा  आपका

होश  में  यहाँ  कोई  नहीं

शान -ऐ -महफ़िल  हो  आप

आपसा  यहाँ  कोई  नहीं


आपकी  तारीफ  के    अल्फाज़  कहा  से  लु  में

डर  है  कोई  गुस्ताखी  ना  हो  जाये  मुझ  से

कातिल  हो  आप  दिलो  के

जिंदा  यहाँ  कोई  नहीं

शान -ऐ -महफ़िल  हो  आप

आपसा  यहाँ  कोई  नहीं

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विजय प्रताप सिंह राजपूत

Jul 4, 2010

हाय ये महंगाई


महंगाई  ये  महंगाई  हाय ये  महंगाई

सुबह मेने नास्ते में सुखी रोटी ही खायी 

रात को डिनर में
मेंने खिचड़ी ही पकाई

ये  गयी ओ गयी तनखाह खो गयी 

सुबह बटुआ रिचार्जे  किया
मेंने तो चुराने आयी

महंगाई  ये  महंगाई  हाय ये  महंगाई.

एक बात कहू दिलदारा  महगाई ने सबको मारा 

अब मुस्किल हुआ गुजरा महगाई ने सबको मारा

सरकार की हेरा फेरी पागल ना बना दे सबको

सी. एन. जी. और डीजल ने मसला बिगाड़ा 

अब मुस्किल हुआ गुजरा महगाई ने सबको मारा
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विजय प्रताप सिंह राजपूत