May 31, 2022

महंगाई से जनता है परेशान

कमरतोड़ महंगाई से जनता है परेशान 
आदमी पर पड़ रही हैं महंगाई की मार, 
सिलेंडर सस्ता कर दो 
दारू चाहे महंगा कर दो

सी. एन. जी. और डीजल ने 
पहले ही मसला बिगाड़ा 
अब सरसों का तेेल भी हुआ 200 के पार, 
कुछ तो करो विचार जनता है परेशान

कैसे मैनेज करें घर गृहस्ती
साग सब्जी के भाव बढ गए, 
आटा नमक और दाल के दाम चढ़ गए 
कुछ तो करो विचार जनता है परेशान

महिलाओं के सोलह सिंगार हो गए महंगे
लाली लिपस्टिक और फेशियल सस्ता कर दो 
नहीं तो चली जाएगी सरकार महिलाएं है परेशान 

सिलेंडर सस्ता कर दो दारू चाहे महंगा कर दो
कुछ तो करो विचार कमरतोड़ महंगाई से जनता है परेशान

May 10, 2022

भूल गई

ऐसा रोग लगा दिल का दिल्लगी भूल गई 
काजल मेहंदी कंगन बिंदिया से संवरना भूल गई !

मुझसे आँखें टकराईं जब से खुद पे मरना भूल गई 
हमारे दिल की दिल्लगी में, सोना खाना पीना भूल गई !!










May 6, 2022

सात फेरों के सातों वचन

प्रथम वचन मैं माँगा मुझसे, जब तीरथ को जाओगे।
धर्म-कर्म का काज हो कोई, मेरा साथ निभाओगे।


दूजा वचन मैं माँगा  मुझसे, सास-ससुर को मानोगे। 
मेहमानों की मर्यादा कर, ईश्वर में खो जाओगे ।


तीजा वचन मैं माँगा मुझसे, हर घड़ी साथ निभाओगे। 
युवा पौढ़ या जीर्ण शरीर हो, मुझे छोड़ नहीं जाओगे। 


चौथा वचन मैं माँगा मुझसे धन अर्जित कर लाओगे।
पारिवारिक दायित्व निभा, सपनों का महल सजाओगे।


पंचम वचन मैं माँगा मुझसे, राय हमारी मानोगे ।
लेने-देना और मंगल कार्य में, मुझको न ठुकराओगे। 


छठा वचन मैं माँगा मुझसे, मेरा मान बढाओगे।
दुर्व्यसन से दूर रहोगे, हर घड़ी साथ निभाओगे। 


सप्तम बचन मैं माँगा मुझसे, पर नारी नहीं लाओगे। 
तेरे मेरे प्रेम आगन में, सौतन तुम ना लाओगे। 


शादी की आठवीं सालगिरह की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! 

May 5, 2022

हया की क्या जरूरत है

तरस खाओ जवानी पर मेरे दिल से दोस्ती करलो 
सजा क्यू दिल को देती हो सजा की क्या जरूरत है

हटा लो जुल्फ चेहरे से हया की क्या जरूरत है
चमकते चाँद से चेहरे को काली घटा की क्या जरूरत है

तुम अपनी सुर्ख लबों से हथेली चूमलो अपनी 
लबों का सुर्ख बन जाए फिर हीना की क्या जरूरत है

अगर ये खूबसूरत हाथ मेरे गले का हार बन जाए
मरीजे इश्क को किसी और दवा की क्या जरूरत है

नशीली आंखों से मोहब्बत का जाम अगर पिला दो
मरीजे इश्क को फिर मधुशाला की क्या जरूरत है

हो जाये अगर मेहरबानी आपकी रेश्मी जुल्फो का
मरीजे इश्क को किसी मौसम की क्या जरूरत है