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May 22, 2012

क्रांतिवीर क्यों पथ में सोया ?

जीवन की बगिया में किसने कौन - कौन सा बिज बोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।

सत्य के रस्ते बदल रहे हैं, आज झूठ का सहारा लेकर
मूल्यों की रक्षा हो रही हैं, अनचाहे मूल्यों को देकर
परिवर्तन का बिगुल बजा कर क्रांतिवीर क्यों पथ में सोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।

सब के सर पर टोपी अना  की, सब की ऊँगली एक दुसरे पर थी |
किसने कितने करोड़ कमाये , इसकी चर्चा ज़ोरों पर थी |
पछतावे के गंगा जल से, कितनो ने अन्तरघट को थोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।


गाँधी जी का काम कर रहे हैं अना जी, 
सुबाश चन्द्र जी का कौन करेगा ? 
ये तो केवल राम जी ही जाने |


गोरे अग्रेजो से तो हम आजाद हो गये
 कालो से कब होंगे ?
ये तो केवल राम जी ही जाने  |  

नकली फूलो में सुगंध हैं, रंग हैं, पर मकरंद नहीं हैं
संयम शुचित हीन  व्यक्ति को जीवन का आनन्द नहीं हैं
छलनाओ की मकड़ जाल में कितनो ने नैतिक बल खोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।



गणनाओं में मगन बटोही, फिसलन की भी नहीं फिकर हैं
महापतन से वही बचेगा,  जिसको बस ईश्वर का डर हैं 
मंदिर से नैवैघ चुराकर, कौन पुजारी कितना रोया ?
ये तो केवल राम जी ही जाने ।