Dec 6, 2022

एक बार हनुमान गढ़ी आके तो देखो

दुख दूर हो जाएंगे सभी 
एक बार हनुमान गढ़ी आके तो देखो

सवर जायेगी सातों जन्म 
एक बार अयोध्या आके तो देखो

पूरे हो जाएंगे आपके सारे अधूरे काम 
एक बार राम दरबार को दिल में बसा कर तो देखो

तुम्हें हर जीव से प्यार होने लगेगा,
एक बार रघुवर के शरण  में आके तो देखो

तर जाएंगे सातों पुस्ते आपकी
सरजू नदी में डुबकी लगा कर तो देखो 

मिलेगी मन को शांति आपके 
सरजू की तट पर शामें बिताकर तो देखो

दुख दूर हो जाएंगे सभी 
एक बार हनुमान गढ़ी आके तो देखो

Nov 19, 2022

मैं पुरुष हूं

बाहर से बड़ा ही अपरिमित कठोर नजर आता हूं,
अंदर मां जैसी भावनाओं का दरिया रखता हूं!

नीव की ईट की तरह अपना अस्तित्व छुपा लेता हूं,
उस पर सुंदर मजबूत इमारत तैयार करता हूं!

पिता,भाई और हमसफर बनके कई किरदार निभाता हूं,
उन्हें आशीर्वाद, स्नेह व विश्वास के धागे में पिरोता हूं!

गुरु व दोस्त बनकर भी अपने दायित्व बख़ूबी निभाता हूं,
भावी जीवन के लिए तैयारकर, आशाओं के पंख़ लगाता हूं!

परिवार की खुशियों की खातिर खुद को ही भूल जाता हूं,
उनके उल्लास में इंद्रधनुष के रंगों से रंग भर देता हूं!

सभी की ख्वाहिशें पूरा करने को दिन-रात भटकता हूं,
दो वक्त की रोटी कमाने को,अपनों से ही दूर चला जाता हूं!

आजीवन अपार परेशानियों से जूझता रहता हूं,
मगर बगिया के फूलों को मुस्कुराहट से सीखता हूं!

हमें तो रोने का भी हक नहीं, पत्थर दिल कहलाता हूं,
मौन रहकर आंखों के सैलाब को कैद करना जानता हूं!

कुटुंब को प्रचुर प्यार के समुद्र से भर देता हूं,
कभी-कभी मैं भी प्यार की मरहम के लिए तरसता हूं!

हां मर्द हूं,मैं भी जीवन के उतार-चढ़ाव में थक सा जाता हूं,
मुझे भी कोई समझे ऐसे साथी का साथ चाहता हूं!!

Nov 16, 2022

बिना पैसे नहीं मिलता यहाँ कुछ भी ज़माने में

कड़ी मेहनत बड़ी मुद्दत लगे पैसा कमाने में।
नहीं लगता ज़रा सा वक़्त पैसे को गँवाने में।

बड़ा आसान है कहना कि पैसा ही नहीं सब कुछ,
बिना पैसे नहीं मिलता यहाँ कुछ भी ज़माने में।

मिटाता भूख ये पैसा ढके तन को यही पैसा,
ज़रूरत है इसी पैसे की सर पर छत बनाने में।

पढाई हो दवाई हो भलाई हो बुराई हो,
ज़रूरी है बहुत पैसा यहाँ जीवन चलाने में।

खिलौना बन हँसाता है तो ज़ेवर बन लुभाता है,
बड़ी महिमा है पैसे की दिल से दिल मिलाने में।

यही महफ़िल जमाता है यही दावत सजाता है,
बिना इसके बड़ी मुश्किल खिलाने में पिलाने में।

है पैसे की ज़रूरत क्यों ज़रा पूछो किसानों से,
बिताई ज़िन्दगी पूरी ज़मीं गिरवी छुड़ाने में।

बड़ी ताकत है पैसे में सभी पर ये पड़े भारी,
अदालत में चले पैसा यही चलता है थाने में।

अमीरी के सभी साथी गरीबी बस अकेली है,
भरी जेबें ज़रूरी है सभी रिश्ते निभाने में।

खुदा से मैं दुआ करता सभी इंसां बनें क़ाबिल,
बड़ी शर्मिंदगी होती भिखारी बन के खाने में।

तुम्हारे पास पैसा है गरीबों की मदद करना,
दुआ दिल से निकल करती बड़ी बरकत ख़ज़ाने में।

Nov 8, 2022

मोहबत में ख़ुद को ना जला लेना

तुम मेरी मोहबत में ख़ुद को ना जला लेना
जब मेरी याद आए तो इंस्टाग्राम पर बतिया लेना

ऑनलाइन में आऊंगा ये मेरा वादा हैं
जब ऑफलाइन दिखू एक कॉल लगा लेना

मिलने को में आऊंगा ये मेरा वादा हैं
बस अपनी गली में मुझको सीने से लगा लेना 

मेरे दिल में तमन्ना हैं तुम्हे अपना बनाने की
अगर बंद हो दरवाज़े खिड़की से बुला लेना

देखने को जब तरसे तुम्हारी आंखे 
व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल लगा लेना


May 31, 2022

महंगाई से जनता है परेशान

कमरतोड़ महंगाई से जनता है परेशान 
आदमी पर पड़ रही हैं महंगाई की मार, 
सिलेंडर सस्ता कर दो 
दारू चाहे महंगा कर दो

सी. एन. जी. और डीजल ने 
पहले ही मसला बिगाड़ा 
अब सरसों का तेेल भी हुआ 200 के पार, 
कुछ तो करो विचार जनता है परेशान

कैसे मैनेज करें घर गृहस्ती
साग सब्जी के भाव बढ गए, 
आटा नमक और दाल के दाम चढ़ गए 
कुछ तो करो विचार जनता है परेशान

महिलाओं के सोलह सिंगार हो गए महंगे
लाली लिपस्टिक और फेशियल सस्ता कर दो 
नहीं तो चली जाएगी सरकार महिलाएं है परेशान 

सिलेंडर सस्ता कर दो दारू चाहे महंगा कर दो
कुछ तो करो विचार कमरतोड़ महंगाई से जनता है परेशान

May 10, 2022

भूल गई

ऐसा रोग लगा दिल का दिल्लगी भूल गई 
काजल मेहंदी कंगन बिंदिया से संवरना भूल गई !

मुझसे आँखें टकराईं जब से खुद पे मरना भूल गई 
हमारे दिल की दिल्लगी में, सोना खाना पीना भूल गई !!










May 6, 2022

सात फेरों के सातों वचन

प्रथम वचन मैं माँगा मुझसे, जब तीरथ को जाओगे।
धर्म-कर्म का काज हो कोई, मेरा साथ निभाओगे।


दूजा वचन मैं माँगा  मुझसे, सास-ससुर को मानोगे। 
मेहमानों की मर्यादा कर, ईश्वर में खो जाओगे ।


तीजा वचन मैं माँगा मुझसे, हर घड़ी साथ निभाओगे। 
युवा पौढ़ या जीर्ण शरीर हो, मुझे छोड़ नहीं जाओगे। 


चौथा वचन मैं माँगा मुझसे धन अर्जित कर लाओगे।
पारिवारिक दायित्व निभा, सपनों का महल सजाओगे।


पंचम वचन मैं माँगा मुझसे, राय हमारी मानोगे ।
लेने-देना और मंगल कार्य में, मुझको न ठुकराओगे। 


छठा वचन मैं माँगा मुझसे, मेरा मान बढाओगे।
दुर्व्यसन से दूर रहोगे, हर घड़ी साथ निभाओगे। 


सप्तम बचन मैं माँगा मुझसे, पर नारी नहीं लाओगे। 
तेरे मेरे प्रेम आगन में, सौतन तुम ना लाओगे। 


शादी की आठवीं सालगिरह की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! 

May 5, 2022

हया की क्या जरूरत है

तरस खाओ जवानी पर मेरे दिल से दोस्ती करलो 
सजा क्यू दिल को देती हो सजा की क्या जरूरत है

हटा लो जुल्फ चेहरे से हया की क्या जरूरत है
चमकते चाँद से चेहरे को काली घटा की क्या जरूरत है

तुम अपनी सुर्ख लबों से हथेली चूमलो अपनी 
लबों का सुर्ख बन जाए फिर हीना की क्या जरूरत है

अगर ये खूबसूरत हाथ मेरे गले का हार बन जाए
मरीजे इश्क को किसी और दवा की क्या जरूरत है

नशीली आंखों से मोहब्बत का जाम अगर पिला दो
मरीजे इश्क को फिर मधुशाला की क्या जरूरत है

हो जाये अगर मेहरबानी आपकी रेश्मी जुल्फो का
मरीजे इश्क को किसी मौसम की क्या जरूरत है





 

Apr 2, 2022

याद आता है

आप के चाहत का वो सुहाना मौसम याद आता है,
आप का मुस्कुरा कर के वो नजरें झुकाना याद आता है,

जो सावन की काली घटा सी छाई रहती थी,
उन जूलफों का चेहरे से हटना याद आता है,

आप को छेड़ने की खातिर जो अक्सर गुनगुनाता था,
वो नगमा आशिकाना आज भी याद आता है,

आप का लड़ना झगड़ना और मुझसे रूठ कर जाना,
वो आप का  रूठ कर खुद मान जाना याद आता है,

वो हर रोज गुजरकर आप की गली से जाना याद आता है,
खुदा ना खास्ता वो आप का  मिल जाना याद आता है।

यूँ ही गुजर गया वो जमाना आप के  इन्तजार का,
आज भी मुझे वो गुजरा जमाना याद आता है।

आप भी मुस्कुराती हो बेवजह अक्सर आईने में,
सुना है आप को भी अपना ये दीवाना बहुत याद आता है।