Apr 2, 2022

याद आता है

आप के चाहत का वो सुहाना मौसम याद आता है,
आप का मुस्कुरा कर के वो नजरें झुकाना याद आता है,

जो सावन की काली घटा सी छाई रहती थी,
उन जूलफों का चेहरे से हटना याद आता है,

आप को छेड़ने की खातिर जो अक्सर गुनगुनाता था,
वो नगमा आशिकाना आज भी याद आता है,

आप का लड़ना झगड़ना और मुझसे रूठ कर जाना,
वो आप का  रूठ कर खुद मान जाना याद आता है,

वो हर रोज गुजरकर आप की गली से जाना याद आता है,
खुदा ना खास्ता वो आप का  मिल जाना याद आता है।

यूँ ही गुजर गया वो जमाना आप के  इन्तजार का,
आज भी मुझे वो गुजरा जमाना याद आता है।

आप भी मुस्कुराती हो बेवजह अक्सर आईने में,
सुना है आप को भी अपना ये दीवाना बहुत याद आता है।