May 6, 2016

जब से हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम

चूम ले रही हैं हर खुशी हमारे कदम !
जब से हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!
आपके नूर से ही है रोशन समां !
लेके खुशबू तुम्हारी महकती फिजां !!
हो दुआ पाक दिल की खुदा की कसम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!
आपसे ही चमन अपना गुलजार है !
आपके अक्स में रब का दीदार है !!
आज तक जिंदगी में जो गुजरे हैं दिन !
दूने उसके मिले आज का ये सुदिन !
ख्वाब में भी न आए कभी कोई गम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!
चूम ले रही हैं हर खुशी हमारे कदम !
जब से हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम !
दरम्यां हमारे ना हाे मोहब्बत कम !!

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