धर्म-कर्म का काज हो कोई, मेरा साथ निभाओगे।
दूजा वचन मैं माँगा मुझसे, सास-ससुर को मानोगे।
मेहमानों की मर्यादा कर, ईश्वर में खो जाओगे ।
तीजा वचन मैं माँगा मुझसे, हर घड़ी साथ निभाओगे।
युवा पौढ़ या जीर्ण शरीर हो, मुझे छोड़ नहीं जाओगे।
चौथा वचन मैं माँगा मुझसे धन अर्जित कर लाओगे।
पारिवारिक दायित्व निभा, सपनों का महल सजाओगे।
पंचम वचन मैं माँगा मुझसे, राय हमारी मानोगे ।
लेने-देना और मंगल कार्य में, मुझको न ठुकराओगे।
छठा वचन मैं माँगा मुझसे, मेरा मान बढाओगे।
दुर्व्यसन से दूर रहोगे, हर घड़ी साथ निभाओगे।
सप्तम बचन मैं माँगा मुझसे, पर नारी नहीं लाओगे।
तेरे मेरे प्रेम आगन में, सौतन तुम ना लाओगे।
शादी की आठवीं सालगिरह की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
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