ज़िंदगी ये अब तो तेरे नाम है प्रिये,
लोग कहते है की मैं हु खुश नसीब,
नेेेह प्रेमी हु मैं निधी मेरे करीब,
दिल जो तुमको दिया तो गलत क्या किया,
ज़िंदगी ये अब तो तेरे नाम है प्रिये,
प्रेम में हार का भी अलग है मजा,
कोई समजे ख़ुशी कोई समजे सजा,
खता हुई जो तुमको चाहा, खता करूँ सौ बार प्रिये,
मैं पतझड़ हूँ बेमौसम, तुम हो बंसन्त बहार प्रिये,
तुम्हीं सुबह हो शाम तुम्हीं, तुम ही हो दिन-रात प्रिये,
सांसों के संग आती जाती, तुम हो जीवन सार प्रिये,
चैन भी खो दियाँ तो गलत क्या किया,
ज़िंदगी ये अब तो तेरे नाम है प्रिये,
तेरे साथ ही सुबह है प्रिये,
तुझसे ही मेरी शाम है प्रिये,
पार हो जाये यह भवसागर,
तेरे साथ ही वैकुण्ठ धाम है प्रिये,