महंगाई ये महंगाई हाय ये महंगाई
सुबह मेने नास्ते में सुखी रोटी ही खायी
रात को डिनर में मेंने खिचड़ी ही पकाई
ये गयी ओ गयी तनखाह खो गयी
सुबह बटुआ रिचार्जे किया मेंने तो चुराने आयी
महंगाई ये महंगाई हाय ये महंगाई.
एक बात कहू दिलदारा महगाई ने सबको मारा
अब मुस्किल हुआ गुजरा महगाई ने सबको मारा
सरकार की हेरा फेरी पागल ना बना दे सबको
सी. एन. जी. और डीजल ने मसला बिगाड़ा
अब मुस्किल हुआ गुजरा महगाई ने सबको मारा
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विजय प्रताप सिंह राजपूत