Jul 4, 2010

हाय ये महंगाई


महंगाई  ये  महंगाई  हाय ये  महंगाई

सुबह मेने नास्ते में सुखी रोटी ही खायी 

रात को डिनर में
मेंने खिचड़ी ही पकाई

ये  गयी ओ गयी तनखाह खो गयी 

सुबह बटुआ रिचार्जे  किया
मेंने तो चुराने आयी

महंगाई  ये  महंगाई  हाय ये  महंगाई.

एक बात कहू दिलदारा  महगाई ने सबको मारा 

अब मुस्किल हुआ गुजरा महगाई ने सबको मारा

सरकार की हेरा फेरी पागल ना बना दे सबको

सी. एन. जी. और डीजल ने मसला बिगाड़ा 

अब मुस्किल हुआ गुजरा महगाई ने सबको मारा
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विजय प्रताप सिंह राजपूत